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कर्म मैं भाग्य को पलटने की‌ शक्ति है परमात्मा को जानने की नहीं मानने की आवश्यकता है -नंदिनी भार्गव

कर्म मैं भाग्य को पलटने की‌ शक्ति है परमात्मा को जानने की नहीं मानने की आवश्यकता है -नंदिनी भार्गव 

शिवपुरी-कैला माता मन्दिर पर सनातन धर्म मंडल एवं कैला माता जागरण समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिवस में ,वाल योगी पं. श्री बासुदेव नंदिनी भार्गव द्वारा गोवर्धनोधरण की अद्भुत लीला का वर्णन किया। जब इंद्र ने ब्रजमंडल पर कोप किया तो सब भगवान श्री कृष्णा की शरण में चले आए। और भगवान ने उनकी रक्षा की। मानो इंद्र अर्थात हमारी इंद्रियों की प्रबल आसक्ति और विषय की किसी को भी भव समुद्र में डूबा देती है इससे उबरने का बस एक ही उपाय है भगवान की शरण ले लेना। जो ठाकुर जी की शरण में आ जाता है उसे कुछ नही करना पड़ता भगवान उसका सारा भार स्वयं उठा लेते हैं। 

इसके बाद भगवान की दिव्य रास लीला का वर्णन श्रवण कराया एवं संध्या में सभी भक्तजनों ने बड़ी धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण एवं रुक्मिणी जी के विवाहोत्सव का आनंद लिया।

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