नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
नेशनल वायरल हेपिटाइटिस कंट्रोल कार्यक्रम की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
हेपेटाइटिस बी और सी के नुकसान के बारे में बताया
शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी में सोमवार को अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित, पुष्प अर्पण कर मेडिसिन विभाग द्वारा नेशनल वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम के अंर्तगत प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया। इसके साथ फीता काटकर हेपेटाइटिस ऑ पी डी चेंबर का उद्घाटन भी किया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी के रोगियों को निशुल्क जांच एवम उपचार मिल सके। इसके साथ ही लोग इस गंभीर बीमारी के प्रति सजग और जागरूक हो सकें।
समय-समय पर जांच जरूरी : अधिष्ठाता डॉ. डी परमहंस
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अधिष्ठाता डॉ. डी परमहंस ने बताया कि हेपेटाइटिस बी व सी खून, संक्रमित के साथ सेक्स करने, दूषित वस्तुओं के संपर्क के माध्यम से एक से दूसरे इंसान में फैलता है। हेपेटाइटिस बी में सभी संक्रमितों को इलाज की जरूरत नहीं होती है. जिन मरीजों में वायरस एक्टिव होता है। उन्हें ही इलाज मुहैया कराया जाता है. बाकी मरीजों को छह-छह माह पर जांच के लिए बुलाया जाता है. हेपेटाइिस बी व सी लिवर को नुकसान पहुंचाता है। लिवर सिरोसिस तक हो सकता है। हेपेटाइटिस के इलाज तय समय में बंद हो जाता है, लेकिन सिरोसिस का इलाज चलता रहता है।
कार्यक्रम में ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम का संचालन नोडल ऑफिसर एमटी एनवीएचसीपी डॉक्टर डॉक्टर गिरीश दुबे असिस्टेंट प्रोफेसर सहित डॉ रागिनी तारोले (सीनीयर रेसीडेन्ट), डॉक्टर पीयूष गुप्ता ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। इस दौरान अधीक्षक आशुतोष चौऋषि, कम्यूनिटी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉक्टर राजेश अहिरवार, अस्थिरोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर पंकज शर्मा, मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉक्टर रीतेश यादव, प्रीति निगोटिया सहित वरिष्ठ चिकित्सक शिक्षक, चिकित्सकगण, जूनियर डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर पैरामेडिकल के साथ एमबीबीएस छात्र - छात्राऐं उपस्थित हुए।
मुफ्त इलाज बना संजीवनी : अधीक्षक डॉ. आशुतोष चौऋषि ने बताया कि इलाज मुफ्त होने से बीमारी को मात देना आसान हो गया है। प्राइवेट अस्पताल में हर छह माह पर कम से कम 40 से 50 हजार रुपये का खर्च आता है. हेपेटाइटिस सी का इलाज तीन से छह माह तक चलता है। हेपेटाइटिस इलाज की सुविधा हमारे मेडिकल कॉलेज में मुफ्त उपलब्ध है।
कार्यक्रम के संचालन के साथ डाॅक्टर गिरीश दुबे का कहना था कि हेपेटाइटिस बी और सी की जानकारी ही उसका बचाव है लोगों में हेपेटाइटिस बी और सी के बारे में जागरूकता नहीं है इसीलिए वह इलाज करने से हिच किचाहते हैं परंतु यह बीमारियां ऐसी हैं जिनका समय पर पता चलने पर और समय रहते उपचार लेने पर लिवर कैंसर और लीवर सिरोसिस जैसी घातक कॉम्प्लिकेशन से बचा जा सकता है
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