उच्च चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ बेहतर इलाज करना मुख्य उद्देश्य - अधिष्ठाता डॉ. के. बी.वर्मा
उच्च चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ बेहतर इलाज करना मुख्य उद्देश्य - अधिष्ठाता डॉ. के. बी.वर्मा
श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी के वर्ष 2023 की उपलब्धियां
शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी की महत्वपूर्ण उपलब्धियां चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. के. बी.वर्मा के कुशल नेतृत्व में तथा चिकित्सालय अधीक्षक डॉ आशुतोष चौऋषि के मार्गदर्शन में किए गए संगठित प्रयासों के माध्यम से प्राप्त हुई है। जिसमें महाविद्यालय के सभी वरिष्ठ चिकित्सक , जूनियर डॉक्टर सहित नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, हाईटस स्टाफ, पूरे आउटसोर्सिंग स्टाफ का विशेष सहयोग रहा। इस दौरान अधिष्ठाता डॉ. के. बी.वर्मा ने बताया कि उच्च चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ बेहतर इलाज करना मुख्य उद्देश्य है हमारा, इलाज के साथ-साथ चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय शिवपुरी में वरिष्ठ चिकित्सक शिक्षकों के द्वारा एम.बी.बी.एस. सत्र 2019 - 20, 2020 - 21 तथा 2021 - 22 में अध्ययनरत 300 छात्र छात्राओं की क्लिनिकल ट्रेनिंग के साथ-साथ थ्योरी क्लासेस नियमित रूप से ली गई। इसके साथ अधिष्ठाता डॉक्टर के.बी. वर्मा ने यह भी बताया कि हमारे कॉलेज को बहुत जल्द पी जी की अनुमति मिलने वाली है जिसका प्रस्ताव हम बनाकर भेज चुके हैं।
मेडिकल कॉलेज पी आर ओ ने डॉक्टर राजेश अहिरवार ने बताया कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना’ की शुरुआत 23 सितंबर, 2018 को की गई थी। अप्रैल, 2023 तक अधिक-से-अधिक लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड मुहैया कराये गए हैं। लोगों को इस योजना का लाभ भी मिल रहा है। स्वास्थ्य क्षेत्र में दूसरी बड़ी उपलब्धि प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना है, जिसके तहत सभी नागरिकों को सस्ती कीमतों पर गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
चिकित्सालय में विभागाध्यक्ष द्वारा बताए वर्ष भर के कार्य
अस्थि एवं जोड़ रोग विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज शर्मा द्वारा बताया गया है कि पिछले वर्ष 36896 से अधिक अस्थि रोग के मरीज को ओ.पी.डी में उपचार किया गया उसके साथ ही 1186 मरीजों को भर्ती कर ऑपरेशन एवं अन्य सफल सर्जरी की गई जिसमें कि 442 मेजर ऑपरेशन और 1466 माइनर ऑपरेशन किये गयें है। विभाग की ओ.पी.डी में प्रत्येक मंगलवार गठिया वॉय के मरीजो के लिये स्पेशल क्लीनिक प्रारंम्भ की गई है जिसमें पिछले वर्ष 310 मरीजो का सफल इलाज किया गया, इसके अलाबा विभाग में प्रत्येक दिन स्पेशल क्लीनिक प्रारंम्भ की गई है जैसे- रीढ़ की हड्डी क्लीनिक गठिया वॉय क्लीनिक जन्मजात टेलिप्स इक्विनोवेरस क्लीनिक स्पोर्ट क्लीनिक फेक्चर क्लीनिक सामिल है।
इस वर्ष श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय शिवपुरी, मध्यप्रदेश में अस्थि एवं जोड़ रोग विभाग द्वारा MCI द्वारा प्रमाणित अस्थि रोग विशेषज्ञों की अक्टूबर माह में 3 दिवसीय इण्डियन ऑथोपेडिक एसोसिएशन काफ्रेन्स मध्यप्रदेश इकाई 6-8 अक्टूबर को सम्पन्न हुई जिसमें देश व विदेश के अस्थि रोग विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान एवं नये शोध पढ़े गये उसके साथ ही विभिन्न मेडिकल कॉलेज के छात्र एवं अन्य अस्थि रोग विशेषज्ञों काफ्रेन्स में उपस्थित हुए। साथ ही इस नए साल में अस्थि एवं जोड़ रोग विभाग M.S. Ortho PG Course प्रारंम्भ होने की संभवना है।
सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनंत राखूंडे ने बताया कि पिछले 01 वर्ष से सर्जरी विभाग में लगभग 17832 ओ.पी.डी. में मरीज देखे गये जिसमें से 4815 को भर्ती कर इलाज कराया गया और लगभग एक हजार दो सो अट्ठावन बड़ी छोटी सर्जरी की गई जिसमे कि पेट के बड़े आॅपरेशन, कैंसर सर्जरी, जटिल बीमारियों का इलाज, एवं विश्वस्तरीय एडवांसड् लेप्रोस्कोपिक सर्जरी भी शामिल है। ज्ञात रहे कि नये मेड़िकल काॅलेज होते हुये भी एवं कम सुविधाएं एवं मानव संशाधन होते हुये भी विषम परिस्थितियों में उत्कृष्ट कार्य करने की कोशिश की गई।
मेडिकल कॉलेज के कैंसर विभागध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र कुमार सचान ने बताया है कि पिछले वर्ष 2500 से अधिक कैंसर मरीजों को ओपीडी में देखा गया एवं उपचार दिया गया। विमाग में 700 से अधिक कैंसर मरीजों को भर्ती कर कीमोथैरेपी दी गई। कैंसर रोग विभाग में ब्लड कैंसर का भी इलाज किया जा रहा है। डॉ. सचान ने आगे बताया कि ओवेरियन कैंसर के लगभग 10 मरीज जो कैंसर की अंतिम अवस्था (स्टेज 4 कैंसर) में विभाग में दिखाने आये थे उनका नियमित उपचार किया जा रहा है, एवं ऐसे मरीज पिछले 4 साल से पूर्णतः स्वस्थ है। हमारे कैंसर विभाग में कैंसर मरीजों को इंट्रापेरिटोनियल कीमोथैरेपी भी दी जा रही है। जिसकी सुविधा केवल देश के बडे इंस्टीट्यूट में ही उपलब्ध है।
चर्म रोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रीतम कतरोलिया ने बताया कि चिकित्सा महाविधालय में जनवरी 2023 से दिसम्बर-2023 तक जनवरी-2023 लगभग 30,000 बाहय रोगी मरीज एवं लगभग 100 मरीजों का भर्ती कर उपचार किया गया है। कुल मरीजों में ग्वालियर संभाग में से मुख्य तह. शिवपुरी, गुना, श्योपुर, विजयपुर, अशोकनगर एवं राजस्थान के बारां जिला के मरीजों को इलाज उपलब्ध कराया गया है। चर्म रोग विभाग में भर्ती मरीजों में गंभीर जानलेवा बीमारियों जैसे पेम्फीगस बल्गैरिस, ड्रग रिएक्सन एवं कुष्ठ रोग जैसी बीमारियों का भी उपचार किया गया है। चर्म रोग विभाग द्वारा शिवपुरी के समस्त ब्लॉक में सतनवाडा, कोलारस, पोहरी, नरवर, पिछोर, करैरा एवं खनियाधाना में मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया था जिसमें वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा उपचार उपलब्ध कराया गया ।
चर्म रोग विभाग में एमबीबीएस छात्र-छात्रों की क्लीनिकल पोस्टिंग एव थ्योरी क्लास समय-समय पर लगाई जाती है। एवं उन्हें विभिन्न प्रकार के चर्म रोगों के बारे में बताया जाता है।
नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर रीतू चतुर्वेदी ने बताया कि ओ पी डी में लगभग 60 मरीज प्रतिदिन देखे जा रहे हैं पिछले वर्ष हमने लगभग 12500 मरीजों को ओपीडी में देखा गया इनमें से विभिन्न बीमारियों के मरीजों की स्क्रीनिंग कर उपचार प्रदाय किया गया जिनमें से प्रमुख हैं
1 डायबिटिक रेटिनोपेथी डायबिटिज की वजह से होने वाली आँखों के पर्दे की बीमारी है इसमे लगभग 755 मरीजों को उचित उपचार प्रदाय किया गया ।
2 ग्लूकोमा - जिसे आम भाषा में काला पानी भी कहते हैं उसके लगभग 565 मरीजों की स्क्रीनिंग कर उन्हे उचित मार्गदर्शन एवं उपचार प्रदाय किया गया
3 रेटिनोपेथी ऑफ प्रीमेच्योरिटी नवजात शिशु जो कि समय से पूर्व जन्में होते है उनके पर्दे में खराबी होती है उनसे संबंधित लगभग 56 शिशुओं की उचित स्क्रीनिंग कर उन्हें मार्गदर्शन एवं उपचार प्रदाय किया गया है
4 - बच्चों में मुख्यतः पायी जाने वाली बीमारियां जैसे दृष्टिदोष एवं आदि बीमारियों का निदान एवं इलाज किया गया
5 जुलाई से सितंबर महीने में फैले आई फ्लू के दौरान लगभग 3500 मरीजों को उचित परामर्श देकर उचित उपचार प्रदान किया गया
पीडियाट्रिक विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रियंका बंसल ने बताया कि अद्भुत उपलब्धि की सूचना देते हुए बताया कि, हमारे आउटपेशेंट विभाग में कुल 20,263 मरीजों का इलाज किया गया और 4046 बच्चों को हमारे केंद्र में टीकाकरण किया गया। डॉ प्रियंका ने आगे बताया कि 1,238 मरीजों को पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (PICU) में भर्ती कराया गया, जिसमें से 81.3% मरीज सफलतापूर्वक डिस्चार्ज हुए।
मामलों की जटिलता के बावजूद, हमारी टीम ने 188 बहुत बीमार मरीजों को सफलतापूर्वक extubation के बाद डिस्चार्ज करने में सफलता प्राप्त की, जो हमारे केंद्र की संक्रामक स्थितियों का प्रबंधन करने में विशेषज्ञता का प्रमाण है।
डॉ प्रियंका बंसल ने स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट (SNCU) की इस साल की अद्भुत उपलब्धियों को साझा करते हुए बताया, कुल 602 नवजातों को भर्ती कर उच्च-गुणवत्ता की देखभाल प्रदान की और असाधारण सफलता 83.2% मरीजों के डिस्चार्ज के साथ जारी की है, जिसमें से 56 नवजात 1.5 Kg से कम वजन वाले थे, जो हमारे केंद्र की सक्षमता को प्रकट करता है कि हम पूर्णत: प्रभावी उपचार प्रदान कर सकते हैं।
प्रसूति एवम स्त्रीरोग विभाग विभागाध्यक्ष डॉक्टर शिखा जैन ने बताया कि वर्ष 2023 में लगभग 1400 से अधिक नॉर्मल डिलीवरी तथा 2600 से ज्यादा सीजेरियन डिलीवरी कराई गईं । इसके साथ ही वर्ष 2023 में लगभग 1500 माइनर ऑपरेशन, 400 के लगभग मेजर ऑपरेशन तथा 50 बच्चेदानी निकालने के ऑपरेशन (हिस्टेरेक्टॉमी) किए गए। विभाग में लगभग 1600 से अधिक मरीजों की कैंसर स्क्रीनिंग की गई और उनका उपचार किया गया। विभाग में गुना, अशोकनगर एवं जिला चिकित्सालय शिवपुरी और आसपास के जिलों से लगभग 5000 से भी अधिक गम्भीर मरीज रेफर हो कर आए जिनका उचित उपचार प्रदान किया गया। विभाग में लगभग 20000 से भी अधिक मरीजों का ओ.पी.डी. में उपचार किया गया। चिकित्सा महाविद्यालय एवम चिकित्सालय शिवपुरी के प्रारम्भ होने से पहले जो गर्भवती महिलाएँ एवम गम्भीर स्त्रीरोग से पीड़ित मरीज सीधे ग्वालियर रेफर किए जाते थे उक्त मरीजों को उचित उपचार चिकित्सा महाविद्यालय एवम चिकित्सालय शिवपुरी के प्रसूति एवम् स्त्रीरोग विभाग द्वारा प्रदाय किया गया ।
मनोरोग विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. देवेश कुमार व्यास ने बताया कि पिछले वर्ष 2600 से अधिक मनोरोग से संबंधित मरीजों का इलाज किया गया तथा इसके अलावा (Dead diction) नशा मुक्ति के मरीजों का भी इलाज ओपीडी में किया गया। विभाग के द्वारा ओपीडी समय के पश्चात (Emergency) आकस्मिक चिकित्सा सुविधा भी प्रदान की गई, जिसमें मरीजों को Casualty में भर्ती करके उचित इलाज प्रदान किया गया आवश्यकतानुसार आकस्मिक चिकित्सा सुविधा देकर मरीजों को आवश्यक सुझाव देते हुये हायर सेन्टर भी भेजा गया ताकि उचित समय पर उन्हें सही सुविधायें प्राप्त हो सकें एवं, उनके प्राणों को बचाया जा सके। इसके साथ-साथ आवश्यकता पडने पर मरीजों को आईपीडी में भर्ती करके भी इलाज की सुविधा हमारे विभाग द्वारा प्रदान की जा रही है।
पैथोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर अपराजिता तोमर ने बताया कि इस वर्ष पैथोलॉजी विभाग द्वारा पिछले एक वर्ष में कैंसर की रोकथाम एवं पहचान हेतु सैकड़ो हिस्टापैथालॉजी, साइटोपैथोलॉजी एवं पैप स्मीयर सहित पोस्ट मार्टम 152 , हिस्टोपैथोलॉजी 692 ,साइटोलॉजी 869 की जांचें की गई।
साथ ही पैथोलॉजी विभाग के हिस्टोपैथ्सेलॉजी सेक्शन में जी 6 पी डी, सिकलिंग टैस्ट, डायरेक्ट एवं इनडायरेक्ट कूम्ब टैस्ट, ऑस्मोटिक फ्रेजिलिटी टैस्ट इत्यादि जन्म जात, खून की कमी एवं रक्त कोशिकाओं के टूटने के कारण को पता करने के लिये किये जा रहे है।
पैथोलॉजी विभाग द्वारा पोस्ट मार्टम रिपोर्टिंग भी श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिधिया चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग में की जा रही है। पहले ये जांच बाहर से करवाई जा रही थी। गुना, अशोकनगर, शिवपुरी एवं श्योपुर जिले के समस्त पोस्ट मार्टम सैंपल भी विभाग में लिये जाते है।
ब्लड बैंक मे नवीन तकनीको द्वारा रक्त के विभिन्न भागों को पृथक किया जा रहा है जिससे एक ब्लड डोनेशन से तीन मरीजों को लाभ मिल पा रहा है। साथ ही ब्लड बैंक मे एफेरेसिस तकनीक द्वारा सिंगल डोनर प्लेटलेट भी मरीज को दी जाने की सुविधा उपलब्ध है। जिसके साथ ही विगत 20 दिसम्बर 2023 को पैथोलॉजी विभाग द्वारा पीडियाट्रिक विभाग के साथ मिलकर ब्लड बैंकिंग और थेलेसिमिया (एक प्रकार का घातक रक्त से संबंधित रोग) के उपर एक सेमिनार का आयोजन भी किया गया ।
भविष्य में विभाग द्वारा कई नवीन जांचे जो अबतक बड़े शहरों में उपलब्ध थी, लाये जाने वाली है। जिसमें इम्यूनौहिस्टोकैमिस्ट्री (शरीर के समस्त कैंसर का पता लगाने के लिये), एचबीइलैक्ट्रोफोरेसिस वंशानुगत रक्त के रोगों की जांच) एवं फ्रोजन सेक्शनस इत्यादि शामिल है।
दंत रोग विभाग की सह प्राध्यापक डॉ शिरस सिंह धीर ने बताया कि वर्ष 2023 में आउट पेशंट विभाग में कुल 13537 मरीजों का इलाज किया गया। इनमें से 4400 मरीजों को माइनर ओटी का लाभ दिया गया। यहां दांतों की आर सी टी, रेस्टोरेशन, दांतों की सफाई एवं खराब दांतों को निकाले जाने की सुविधा उपलब्ध है।
इसके अतिरिक्त विशेष केस जैसे दांतों एवं जबड़ों के फ्रेक्चर का इलाज, मसूड़ों की सभी प्रकार की बीमारियों का इलाज 65, मूंह की गठानों का इलाज 38 एवं तंबाकू से होने वाली बीमारियों का सफलतापूर्वक इलाज अब शिवपुरी जिले में वर्तमान में संभव है।
नाक, कान, गलारोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. धीरेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि पिछले वर्ष 10,400 से अधिक ई.एन.टी मरीजों को ओ.पी.डी में देखा गया एवं उपचार किया गया। विभाग में 500 से अधिक मरीजों का भर्ती कर उपचार किया गया। 200 से अधिक मरीजों का एडवांस टेक्नोलॉजी की मशीनो द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन किये गये। डॉ. त्रिपाठी ने आगे बताया कि यहाँ BERA की जाँच (बहरे मरीज की सुनने की क्षमता) एवं वी.एन.जी मशीन (चक्कर वाले मरीज) द्वारा भी मरीजों का सफल इलाज किया जा रहा है। एन्डोस्कोपी द्वारा जाँच की सुविधा भी उपलब्ध हैं। पहले मरीजों को जाँच एवं सर्जरी के लिए रेफर किया जाता था।
महाविद्यालय के एन.एम.सी शाखा के नोडल अधिकारी डॉ किरण थोरात ने बताया कि महाविद्यालय में नवीन पी. जी. पाठ्यक्रम जैसे कि एम.डी. एवं एम. एस. प्रारंभ कराए जाने हेतु अलग-अलग 16 विभागों में कुल 49 सीट्स हेतु नेशनल मेडिकल कमिशन नई दिल्ली को सितंबर 2023 में आवेदन प्रस्तुत किया गया है | जिससे चिकित्सा महाविद्यालय में आगामी वर्ष में पी. जी. पाठ्यक्रम की शुरुआत होकर छात्रों के लिए एम.डी. एवं एम.एस. के विशेष पाठ्यक्रम के अवसर खुल जाएंगे एवं साथ ही मरीजों हेतु स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होने में मदद मिलेगी । उक्त पाठ्यक्रम की शुरुआत किए जाने हेतु मध्यप्रदेश शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा एवं मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वयविद्यालय जबलपुर द्वारा पूर्व में ही मान्यता दी जा चुकी है।
यह रही वर्ष 2023 की उपलब्धियां
• वर्ष 2023 में चिकित्सालय को क्वालिटी मानकों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण सेवायें प्रदान करने के कारण क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) द्वारा एनएबीएच सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है।
• वर्ष 2023 में चिकित्सालय में मरीजों को ओपीडी / आईपीडी की सेवायें प्रदान की गई साथ ही सर्जरी, प्रसव एवं अन्य जांचे, एक्स-रे आदि प्रदान करते हुए शिवपुरी की जनता को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई गई (डेटा शीट संलग्न)।
• चिकित्सालय में गंभीर रूप से बीमार बच्चों को एसएनसीयू में सेवा प्रदान करते हुए उनकी जान बचाई गई जबकि पहले इस प्रकार के गंभीर बच्चों को ग्वालियर रैफर किया जाता था।
चिकित्सालय में दिन एवं रात में 24 घंटे गंभीर महिला मरीजों को स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में प्रसव एवं ऑपरेशन के द्वारा प्रसव कराये गये जिसमें मां एवं शिशू दोनों की जान को बचाया जा सका। पूर्व में ऐसे मरीजों को ग्वालियर जाना होता था।
• वर्तमान में चिकित्सालय के ब्लड बैंक द्वारा मरीजों को होल ब्लड एवं ब्लड कंपोनेंट प्रदान करते हुए सेवायें दी जा रही हैं।
• चिकित्सालय की केंद्रीय पैथोलॉजी द्वारा मरीजों की निशुल्क जांचे की जा रही हैं तथा शासन की मंशा के अनुसार जांचों की संख्या को और बढ़ाया जा रहा है।
चिकित्सालय में आ रहे आयुष्मान मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ प्रदान करते हुए समस्त चिकित्सकीय सेवायें, जांचे एवं दवाईयां आदि निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं।
भविष्य में मरीजों को आकस्मिक चिकित्सा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से क्रिटिकल केयर ब्लॉक भवन का निर्माण कार्य चल रहा है।
तीन दिवसीय एम.पी.आइ.ओ. कॉन. 2023 कांफ्रेंस का आयोजित की गई। सभी नये बने सात मेडिकल कॉलेजों में शिवपुरी मेडिकल कॉलेज में हड्डी एवं जोड़ रोग की राज्यस्तरीय कांफ्रेंस आयोजित करने वाला पहला मेडिकल कॉलेज बना।
श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, शिवपुरी में सांस्कृतिक वार्षिकोत्सव (AZYGOS) 2023 आयोजित।
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